फरीदाबाद। सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने के पक्ष में अब देश के अन्य भागों में भी किसानों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जिन किसानों को शासन-प्रशासन सिंघु बॉर्डर पर नहीं जाने दे रहे हैं। वो अपने जिले में ही धरना दे रहे हैं। ऐसा प्रदर्शन पलवल जिले में गांव अटोहा के पास केएमपी रोड पर चल रहा है। जिसे पलवल जिले के किसानों का समर्थन प्राप्त है।
Congress leader Jagan Dagar gave ration to his agitating farmers
Faridabad. In other parts of the country, farmers have started demonstrations in favor of the dharna of the farmers running along the Singhu border. The farmers who are not allowed to go on the border by the administration. They are protesting in their district itself. Such a demonstration is going on on KMP Road near village Atoha in Palwal district. Which is supported by the farmers of Palwal district.
सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगन डागर ने पूर्व मंत्री कारण दलाल के आह्वान पर किसानों के धरना स्थल पर अपने साथियो के साथ पहुंचे और उन्हें अपना समर्थन दिया और अपने सहयोग के तौर पर राशन भेंट करते हुए कहा कि वो आगे भी इसी तरह किसानों की मदद करते रहेंगे।
इस मौके पर किसानों को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जगन डागर ने कहा कि मोदी सरकार ने जो तीनों काले कानून बनाए हैं। वो पूरी तरह से किसान और उपभोक्ता विरोधी कानून हैं और मोदी के उद्योगपति दोस्त अडानी और अम्बानी के पक्ष में बनाए गए कानून हैं। इन तीनों काले कानून से किसे फायदा होने वाला है। अब ये पूरी तरह से साफ हो चूका है।
जगन डागर ने कहा कि ये कानून नहीं बल्कि ऐसा घोटाला है, जिसे अमली-जामा पहनाने के लिए उसे कानूनी रूप दिया गया है। एक समय था जब किसानों की अधिकांश जमीन साहूकारों के पास गिरवी पड़ी थी और जिसे सर छोटूराम ने कानून बना कर किसानों को आजादी दिलाई थी, लेकिन मोदी के तीनों काले कानून किसानों को फिर से उसी हालत में पहुंचा देंगे।
डागर ने कहा कि इस कानून में सीधे तौर पर दिखाई देता है कि अडानी और अम्बानी किसानों से सस्ता माल खरीदेंगे और उपभोक्ता को महंगा बेचेंगे। इससे किसान धीरे-धीरे अपनी जमीन बेचने या गिरवी रखने के कगार पर पहुंच जाएंगे।
इस मौके पर जगवीर तेवतिया, जोगिंदर पहलवान, अनिल पोसवाल, शाकीर खान, बिट्टू, आदेश शर्मा, पार्थ भारद्वाज, प्रवेश पांचाल, सतेंद्र डागर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।